श्री शिवाय नमस्तुभयम हर हर महादेव
विवाह पंचमी एक विशेष दिन है। अगर आप इस दिन गुरुजी पंडित प्रदीप मिश्रा जी के बताए कुछ उपाय कर लेते हैं, तो विवाह में आने वाली अड़चनें दूर हो जाती हैं। साथ ही, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कौन से उपाय चलते आ रहे हैं, जिन्हें आपको विवाह पंचमी के दिन किया जाना चाहिए, यह जानना बहुत ज़रूरी है। इस वीडियो में हम आपको पौराणिक मान्यताओं के अनुसार किए जाने वाले उपाय और गुरुजी पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा बताए गए विवाह पंचमी के विशेष उपाय बताएंगे। जिनको नहीं पता, उन्हें हम बता दें कि विवाह पंचमी, माता सीता और भगवान श्रीराम के विवाह की सालगिरह के रूप में मनाई जाने वाली एक लोकप्रिय हिंदू त्यौहार है। यह त्यौहार हर साल, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन आता है। इस वर्ष, विवाह पंचमी का अवसर 6 दिसंबर 2024 को होगा। तो, जो भी उपाय आप करना चाहते हैं, वह आपको 6 दिसंबर को ही करना होगा।
गुरुजी पंडित प्रदीप मिश्रा जी के बताए उपायों और पौराणिक उपायों के बारे में समझने से पहले, यह जान लेते हैं कि विवाह पंचमी के दिन कौन से उपाय किए जाते हैं।
विवाह पंचमी के दिन श्रीराम भगवान और माता सीता का विवाह अनुष्ठान किया जाता है, यानी उनके विवाह को संपन्न कराया जाता है। माता सीता और श्रीराम भगवान की तस्वीर स्थापित करके उन पर माला पहनाई जाती है। अगर कुवारी कन्याएं “ओम् जानकी वल्लभय नमः” इस मंत्र का 108 बार जाप करती हैं, तो उन्हें श्रीराम जैसा सुयोग्य वर प्राप्त होता है। इस दिन, माता जानकी और भगवान राम के विवाह की कथा सुनने का भी विधान है। इस अवसर पर मंदिरों में भव्य आयोजन किए जाते हैं और लोग अपने घरों में भगवान की पूजा अर्चना करते हैं।
अब हम आपको विवाह पंचमी के दिन किए जाने वाले कुछ उपाय बताएंगे, जिनसे विवाह में आ रही समस्याओं का समाधान हो सकता है।
- केले के पेड़ की पूजा:
विवाह पंचमी के दिन केले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व होता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति को गुरु संबंधित दोष हो, तो केले के पेड़ की पूजा करने से वह दोष दूर हो जाता है। बृहस्पति (गुरु) को विवाह, संतान और धर्म का जानकार माना जाता है। इसलिए, जिनका विवाह या संतान प्राप्ति में विलंब हो रहा है, उन्हें इस दिन केले के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। - विवाह पंचमी की तिथि:
विवाह पंचमी की तिथि हिंदू धर्म में काफी शुभ मानी जाती है। हालांकि, कुछ लोग इस दिन अपनी बेटी का विवाह नहीं करते, क्योंकि इस दिन माता सीता और प्रभु श्रीराम का जीवन संघर्षों से भरा रहा था। लेकिन, कई जगहों पर विवाह पंचमी के दिन विवाह करने से माता सीता और श्रीराम की कृपा बरसने का विश्वास है। - मंदिर में पूजा:
जिनका विवाह में देरी हो रही है या रिश्ते बार-बार टूट जाते हैं, उन्हें विवाह पंचमी के दिन किसी भी मंदिर में जाकर श्रीराम और माता सीता के साथ माता पार्वती की विधिवत पूजा करनी चाहिए। - 16 श्रृंगार का दान:
विवाह पंचमी के दिन माता सीता, माता पार्वती, और माता लक्ष्मी की पूजा करें और उन्हें 16 श्रृंगार अर्पित करें। पूजा के बाद उन श्रृंगार सामग्रियों को सौभाग्यवती महिलाओं को दान दे दें। इस उपाय से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं। - रामचरित मानस का जाप:
विवाह पंचमी के दिन, रामचरित मानस की चौपाई “जय जय गिरिवर राज किशोरी जय महेश मुख चकोरी” का 108 बार जाप करें। इससे विवाह में देरी दूर होती है और मनचाहा जीवन साथी प्राप्त होता है। - नौ तुलसी के पत्तों का उपाय:
विवाह पंचमी के दिन, नौ तुलसी के पत्तों पर हल्दी और कुमकुम लगाकर उन्हें लाल कपड़े में बांध लें। फिर इन पत्तों को माता पार्वती के चरणों में रखें और पूजा करें। पूजा के बाद उस कपड़े को दाहिने हाथ की कलाई में बांध लें। इससे विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और गृह दोष भी शांत होते हैं। - हल्दी से स्नान:
विवाह पंचमी के दिन, थोड़ी सी हल्दी (दो चुटकी) पानी में मिलाकर स्नान करें। इस उपाय को 43 दिन तक रोजाना करना है। इससे विवाह के कारक ग्रह बृहस्पति प्रसन्न होते हैं और शीघ्र विवाह के योग बनते हैं। - गुरुजी पंडित प्रदीप मिश्रा जी का उपाय:
गुरुजी पंडित प्रदीप मिश्रा जी का बताया हुआ विवाह पंचमी का विशेष उपाय बहुत सरल और प्रभावी है। इसके लिए आपको बस एक कलश जल लेकर, भोलेनाथ के शिवलिंग पर विशेष तरीके से जल अर्पित करना है। इस उपाय को आप स्वयं के लिए या अपने किसी घर के सदस्य के लिए भी कर सकते हैं।
आपको यह उपाय विवाह पंचमी के दिन सुबह से लेकर शाम तक पहले-पहले करना चाहिए। गुरुजी के बताए इन उपायों से, महीने के भीतर अच्छे रिश्ते की प्राप्ति होती है और विवाह के योग बनते हैं।
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