Pradosh Ke Upay – गुरुजी पंडित प्रदीप मिश्रा जी अपने कई शिवपुराण कथा मैं यह जानकारी देते हैं कि प्रदोष का दिन प्रदोष काल का समय वह होता है जब भोलेनाथ नदी पर बैठकर माता पार्वती के साथ अपने शिव भक्तों को से मिलने जाते हैं तो प्रदोष के दिन का बहुत अधिक महत्व होता है प्रदोष काल का बहुत अधिक महत्व होता है और गुरुजी पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने कई ऐसे उपाय बताएं हैं जो कि आप प्रदोष के दिन प्रदोष काल में कर सकते हैं अब इस आर्टिकल में हम आपको प्रदोष के कुछ उपाय की जानकारी दे रहे हैं आर्टिकल बहुत उपयोगी है इसमें हम नए उपायों को भी शामिल करते चले जाएंगे सभी प्रदोष के उपाय सिर्फ आपको एक आर्टिकल मतलब इस वेब पेज के माध्यम से देखने को मिल जाएंगे.
Pradosh Kaal Kya Hota Hai
प्रदोष काल प्रत्येक दिन आता है पर प्रदोष के दिन आने वाले प्रदोष काल का भी अत्यधिक महत्व होता है प्रदोष काल प्रतिदिन इसलिए आता है क्योंकि गुरुजी पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने बताया है प्रदोष काल वह समय होता है जब सूर्य की रोशनी आपको दिखाई दे और सूर्य दिखाई ना दे मतलब शाम का वह समय जब आपको रोशनी दिखाई देती है पर सूर्य दिखाई नहीं देता वह प्रदोष काल कहलाता है और अपनी कई शिव पुराण कथा में गुरु जी पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने यह भी कहा है कि प्रदोष काल वह समय होता है सूर्य अस्त के 45 मिनट पहले से लेकर 45 मिनट बाद तक का समय प्रदोष काल कहलाता है.
Pradosh Ke Upay
उपाय 1 – प्रदोष के उपायों की बात की जाए तो आपको प्रदोष के दिन प्रदोष काल में एक सरल उपाय अपने घर पर ही करना होता है अगर आप कोई व्रत नहीं रख सकते प्रदोष का व्रत नहीं रख सकते पूजन अर्चन नहीं कर सकते तो गुरुजी पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने कहा है आपको प्रदोष के दिन शाम के समय मतलब प्रदोष काल में एक दीपक जिसमें आप लंबी बाती का उपयोग कर सकते हैं अपने ही घर के मुख्य द्वार में सीधे हाथ की ओर प्रज्वलित कर देना है आपका मुख्य घर के बाहर की ओर हो ऐसे में आप अपने उलटे हाथ की और वह दीपक प्रज्वलित कर सकते हैं.
उपाय 2 – जीवन में बहुत दुख तकलीफ कष्ट चल रहे हो जीवन में कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा हो जीवन में पैसों की तंगी बनी रहती हो कर्ज बढ़ रहा हो बीमारियों ने घेरा हो तो गुरु जी ने एक नियम प्रदोष के दिन प्रदोष काल मे बनाने को कहा है गुरु जी ने कहा कि
- आपको तीन दीपक प्रचलित करना है
- एक दीपक गोल बाती का और बाकी दो लंबी बाती के होना चाहिए
- पहले दीपक आपको बेलपत्र के वृक्ष के नीचे प्रदोष काल में प्रज्वलित करना है
- इसके बाद दूसरा दीपक गोल बाटी वाला भोलेनाथ के मंदिर में प्रचलित करना है
- और तीसरा दीपक आपको अपने घर के मुख्य द्वार में सीधे हाथ की ओर मतलब आपका मुख घर की ओर है ऐसे में आपको सीधे हाथ की
- और तीसरा दीपक प्रचलित कर देना है तीनों दीपक में आप घी का उपयोग कर सकते हैं
- गाय के देसी घी का उपयोग करें.
इन उपायों का अगर आप वीडियो देखना चाहते हैं तो हमने हमारे यूट्यूब चैनल पर सभी उपायों का वीडियो भी अपलोड किया है वह वीडियो हम आपको इसी आर्टिकल में अब यहां नीचे दिखाएंगे. वीडियो में देखकर भी आप अच्छे से समझ सकते हैं.
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यह सभी उपाय जो भी हम बता रहे हैं वह हम हमारी ओर से नहीं बता रहे हैं यह सभी उपाय गुरुजी पंडित प्रदीप मिश्रा जी के द्वारा उनके द्वारा बातचीत जा रही शिव महापुराण कथा के अंतर्गत बताए जाते हैं जो हम आप तक सूचना के माध्यम से पहुंच रहे.
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