भगवान तुम्हारे चरणों में, मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ, एक सुंदर भजन है जो की गुरूजी पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा गाया गया है, गुरूजी ने यह भजन अपनी एक शिवपुराण में गाया है अगर आप इस भजन के लिरिक्स पढ़कर आप भी गाना चाहते है तो आपके लिए इस भजन की लिरिक्स नीचे दी गयी हैं.
Bhajan – भगवान तुम्हारे चरणों में, मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ.
Singer – Pradeep Mishra Ji
Source – Shiv Mahapuran Katha
भगवान तुम्हारे चरणों में,
मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ,
वाणी मैं तनिक मिठास नही,
पर विनय सुनाने आया हूँ ॥
प्रभु का चरणामृत लेने को,
है पास मेरे कोई पात्र नही,
आँखो के दोनो प्यालो मैं,
कुछ भीख माँगने आया हूँ,
भगवान तुम्हारे चरणो में,
मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ ॥
तुमसे लेकर क्या भेंट धरू,
भगवान आप के चरणों में,
मैं भिक्षुक हूँ तुम दाता हो,
सम्बन्ध बताने आया हूँ,
भगवान तुम्हारे चरणो में,
मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ ॥
सेवा को कोई वस्तु नही,
फिर भी मेरा साहस देखो,
रो रो कर आज आँसुओ का,
मैं हार चढ़ाने आया हूँ,
भगवान तुम्हारे चरणो में,
मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ ॥
भगवान तुम्हारे चरणों में,
मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ,
वाणी मैं तनिक मिठास नही,
पर विनय सुनाने आया हूँ
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