अब दया करो हे भोलेनाथ मस्त रहूं तेरी मस्ती में Bhajan Lyrics
“अब दया करो हे भोलेनाथ मस्त रहूं तेरी मस्ती में” यह एक प्रसिद्ध भजन है जिसे सीहोर के प्रसिद्ध शिवपुराण कथा वाचक प्रदीप मिश्रा जी ने गाया है। इस भजन में भोलेनाथ की प्रसन्नता के लिए भक्ति और आत्मीयता की भावना को सुंदर ढंग से व्यक्त किया गया है। गीत में भोलेनाथ के दिव्य स्वरुप का वर्णन किया गया है, जिसमें उनकी मस्त और खुशहाल विराजमानता का वर्णन किया गया है। प्रदीप मिश्रा जी की मधुर ध्वनि और भक्ति भरे गाने से भक्तों का हृदय में भोलेनाथ के प्रति प्रेम और श्रद्धा का आदान-प्रदान होता है। इस भजन के माध्यम से भक्त भोलेनाथ की आराधना में लीन हो जाते हैं और उनके दिव्य रूप की महिमा का गुणगान करते हैं।
अब दया करो हे भोलेनाथ 😊
मस्त रहूं तेरी मस्ती में 😄मेरे सिर पे रख दो अपना हाथ 🙏
मस्त रहूं तेरी मस्ती में 😁
अब दया करो हे भोलेनाथ 😊
मस्त रहूं तेरी मस्ती में 😄तेरे चरणों में हो मेरा माथ 🙏
मस्त रहूं तेरी मस्ती में 😁
अब दया करो हे भोलेनाथ 😊
मस्त रहूं तेरी मस्ती में 😄तेरे द्वार खड़े हैं रख ले लाज 🙏
मस्त रहूं तेरी मस्ती में 😁
अब दया करो हे भोलेनाथ 😊
मस्त रहूं तेरी मस्ती में 😄मैं तो झूम झूम के नाचूं आज 💃
मस्त रहूं तेरी मस्ती में 😁
अब दया करो हे भोलेनाथ 😊
मस्त रहूं तेरी मस्ती में 😄
गुरूजी पंडित प्रदीप मिश्रा जी के गाये गए अन्य भजन भी देखें –
- मेरे भोले बाबा को अनाड़ी मत समझो (भजन)
- भोले बाबा तेरी नौकरी
- कितनी सुंदर है माँ तेरी नगरी
- भगवान तुम्हारे चरणों में, मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ.
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श्री शिवाय नमस्तुम
Har har mhadev shree sivay nmstubhyam